Amazing facts about Chandra Sekhar Azad in Hindi – चंद्रशेखर आजाद के बारे में 15 ग़ज़ब रोचक तथ्य
आज हम बात करेगे एक ऐसे शख़्स की जो पैदा तो चन्द्रशेखर तिवारी हुआ था लेकिन शहीद हुआ चंद्रशेखर आजाद बनकर. खुद को आजाद घोषित कर दिया था और कभी अंग्रेजो के हाथो ना मरने की कसम खाई थी. Let’s begin…
1. 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश के भाबरा गाँव में सीताराम तिवारी और जगरानी देवी के घर एक बच्चा पैदा हुआ था. नाम रखा गया चंद्रशेखर तिवारी. इनका जन्म करवाने वाली दाईं मुस्लिम थी।
2. चंद्रशेखर आजाद का बचपन भील जाति के बच्चों के साथ में कटा. यही से उसने तीर-कमान चलाना सीखा।
3. चंद्रशेखर आजाद ने मुश्किल से तीसरी क्लास पूरी की थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि आजाद ने सरकारी नौकरी भी की थी. वो तहसील में एक हेल्पर थे, फिर 3-4 महीने बाद उसने बिना इस्तीफा दिए नौकरी छोड़ दी थी।
4. चंद्रशेखर आजाद की माँ चाहती थी कि बेटा संस्कृत का बड़ा विद्वान बने. लेकिन मुन्ना का सपना तो देश को आजाद कराना था। माँ ने तो बाप को भी राज़ी कर लिया था कि बच्चें को पढ़ने के लिए वाराणसी के काशी विद्यापीठ में भेज दो।
5. चंद्रशेखर का नाम आजाद कैसे पड़ा ? 1921 में महात्मा गांधी ने असहयोग आन्दोलन शुरू किया था. चंद्रशेखर एक स्टूडेंट होते हुए भी इस आंदोलन से जुड़े. इस समय इनकी उम्र 15 साल थी अंग्रेजों ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया. जब जज के सामने चंद्रशेखर को पेश किया गया तो उसने कहा मेरा नाम आजाद है, मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता और मेरा पता जेल है. इससे जज भड़क गया और आजाद को 15 बेंतो की सजा सुनाई गई. यही से उनका नाम पड़ा आजाद. फिर 1922 में एक दम से आन्दोलन वापिस ले लिया गया तो इससे आजाद की सोच में बड़ा बदलाव आया।
6. असहयोग आंदोलन बंद होने के बाद चंद्रशेखर आजाद ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन पार्टी‘ के सदस्य बन गए. आगे चलकर वे इस पार्टी में कमांडर-इन-चीफ़ भी बनें।
7. आजाद चाहते थे कि उनकी एक भी तस्वीर अंग्रेजो के हाथ न लगे. लेकिन ऐसा संभव न हो सका।
8. चंद्रशेखर आजाद का एक दोस्त था रूद्रनारायण. यह एक ग़ज़ब का पेंटर भी था. आजाद की मूंछो पर ताँव देते हुए पेंटिग इसी ने बनाई थी. इसके घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी तो एक बार चंद्रशेखर आजाद अंग्रेजों के सामने सरेंडर करने को तैयार हो गए थे ताकि इनाम के पैसे दोस्त को मिल जाए और उसका घर अच्छे से चल सके।
9. आजाद ने अपनी जिंदगी के 10 साल फरार रहते हुए बिताए. एक समय में चंद्रशेखर आजाद झाँसी के पास 8 फीट गहरी और 4 फीट चौड़ी गुफा में सन्यासी के वेश में रहते थे. जब अंग्रेजो को इनके ठिकाने का पता चला तो इन्होनें स्त्री के कपड़े पहनकर अंग्रजों को चकमा दे दिया।
10. 1925 में रामप्रसाद बिस्मिल के साथ मिलकर किए गए काकोरी कांड के पीछे चंद्रशेखर आजाद का ही दिमाग था. फिर 1928 में सांडर्स की हत्या के बाद तो आजाद, अंग्रेजों का जानी दुश्मन बन गया।
11. लाला लाजपत राय की हत्या के बाद भगत सिंह ने चंद्रशेखर आजाद से संपर्क बनाया. आजाद ने भगत सिंह और उसके साथियों को ट्रेनिंग दी. भगत सिंह उन्हें अपना गुरू मानते थे।
12. चंद्रशेखर आजाद अपने साथ हमेशा एक माउज़र रखते थे. ये पिस्टल आज भी इलाहाबाद के म्यूजियम में रखी हुई है. आजाद ने अंग्रेजों के हाथों ना मरने की कसम खाई थी और इसे निभाया भी।
13. जिस गांव में आजाद का जन्म हुआ था उसका नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद नगर रख दिया गया और जिस पार्क में इनकी मौत हुई थी उसका नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद पार्क रख दिया गया।
14. आजाद एक शेर बोला करते थे “दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं. आजाद ही रहेंगे”।
15. चंद्रशेखर आजाद की मौत: चंद्रशेखर आजाद 27 फरवरी 1931 को शहीद हो गए. आजाद इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में मीटिंग के लिए दोस्तो का इंतजार कर रहे थे तो किसी ने पुलिस को खबर दे दी. पुलिस ने पार्क को चारों ओर से घेर लिया था. दोनों ओर से गोलियाँ चल रही थी. आजाद भी पेड़ की ओट में रहकर अंग्रेजों पर गोली चला रहे थे. जब आखिरी गोली रह गई तो आजाद ने ये गोली खुद को मार ली… और अपना वादा निभा दिया।
Love this men
हमेशा की तरह एक और बेहतरीन लेख ….. ऐसे ही लिखते रहिये और मार्गदर्शन करते रहिये ….. शेयर करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। 🙂 🙂
Ankit sir app jo bhi likhte ho vakai kabiletaariff likhte ho. Ese hi rochak tathya hame uplabdh karate rahe
amazing जय हिन्द